rag bageshri
राग : बागेश्री थाट : काफी जाती : आडव - षाडव वादी : मध्यम, संवादी : षडज न्यास : स्वर : गंधार और निषाद कोमल, आरोह मे रिषभ और पंचम वर्ज्य अवरोह में पंचम वर्ज्य, अवरोह में पंचम का उपयोग वक्री भी करते है। गायन समय : रात्री का व्दितीय प्रहर आरोह : नी. सा ग म ध नी सां अवरोह : सां नी ध म ग रे सा सां नी ध म प ध म ग रे सा पकड : सा नी. सा ध़ नी. सा, ग म ग सा सरगम गीत : त्रिताल : स्थायी नी ध म ग ।रे सा ध़ नी. ।सा - - - ।म ग म ध ० ३ ...